तेजस्वी की चाल हुई फेल—महागठबंधन में ‘महाभारत’ और जनता ने दिया बाउंसर

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

तेजस्वी यादव ने बिहार में बदलाव का दावा किया, बड़ी-बड़ी रैलियां कीं, भीड़ जुटाई… लेकिन चुनावी बॉक्स खुला तो सामने आया कड़वा Truth— महागठबंधन के दावे Throttle Full थे, लेकिन नतीजे Neutral Gear में फंसे रह गए।

Congress: सीटें मांगी 60+, मिली सिर्फ 5!

कांग्रेस इस बार सीट-बंटवारे में ऐसे लड़ रही थी जैसे मैरिज हॉल में आखिरी गुलाबजामुन हो।
लेकिन Ground Reality— 60+ सीटों पर लड़ा, केवल 5 पर बढ़त। और कई जगहों पर महागठबंधन ही आपस में भिड़ गया—लगभग 12 सीटों पर Friendly Fire, मतलब “दुश्मन तो बाद में, पहले घर के लोग ही काम तमाम।”

2020 में कांग्रेस 70 सीटें लड़कर 19 सीटें लाई थी, इस बार 5 पर सिमटना बताता है कि वोटर का मूड बदल गया है।

RJD: पिछले बार 74 सीटें… इस बार आधी भी नहीं

तेजस्वी यादव की RJD ने 2020 में पूरी महागठबंधन की गाड़ी खींची थी— 74 सीटें लाकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। लेकिन इस बार:
सिर्फ 36 सीटों के रुझान पर अटक गई। सीएम बनने का सपना इस बार भी Loading… Loading… Failed!

Mukesh Sahani का VIP: ‘Son of Mallah’ से ‘One Seat Party’

मुकेश सहनी की पार्टी VIP, जो 2020 में चर्चा में थी, इस बार चुनाव में ऐसे गायब हुई जैसे किराने वाले की दुकान से 5 रुपये का छुट्टा।

वजहें जिनसे महागठबंधन की गाड़ी पंचर हो गई

सीट बंटवारे में महाभारत—भाई बनाम भाई वाली लड़ाई

नामांकन तक बैठकों में ऐसा तूफान था कि लगा “ये लोग सरकार क्या बनाएंगे, पहले एक-दूसरे को मनाएं!” सीटों को लेकर सहमति न बनना और 12 सीटों पर फ्रेंडली फाइट— महागठबंधन ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी नहीं, JCB चला दी।

कांग्रेस की नाराज़गी + राहुल गांधी का ‘Mute Mode’

कांग्रेस को सीटें कम मिलीं, वो CM फेस पर तेजस्वी को खुलकर endorse भी नहीं कर पाए। राहुल गांधी ने मंच से इस पर कुछ न कहकर
“ऑनलाइन, लेकिन माय माइक्रोफोन इज ऑफ़” वाला vibe दे दिया।

राहुल की कम एक्टिविटी + वोट चोरी वाला बयान नहीं चला

राहुल गांधी चुनाव में कम एक्टिव रहे। वोट चोरी वाले बयान से शोर हुआ, पर वह लोकल मुद्दा नहीं बन पाया। जनता ने इस Narrative को
“बहुत पुराना प्लॉट” मानकर reject कर दिया।

महिलाओं को 10,000 रुपये—NDA का मास्टरस्ट्रोक

सवा करोड़ महिलाओं को सीधे 10,000 रुपये मिले। बिहार की राजनीति में इससे बड़ा Game Changer कुछ नहीं होता। महिलाओं ने वोट दिया, और दिया जमकर। NDA के लिए यह Election का ‘Brahmastra’ साबित हुआ।

कांग्रेस सीमांचल छोड़ पूरे बिहार में Weak Link

जहां RJD को सहयोग चाहिए था, वहां कांग्रेस वोट ट्रांसफर नहीं करा पाई। कई सीटें जो 2020 में जीती गई थीं, वहां भी Congress का Graph नीचे गिर गया।

महागठबंधन हारा, वजहें घर की भी थीं और बाहर की भी

तेजस्वी का सपना, कांग्रेस की उम्मीद, VIP की उम्मीद—सब कुछ मिलाकर महागठबंधन की गाड़ी की चाभी ही गुम हो गई। इस चुनाव में जनता ने कहा— “Unity नहीं तो Opportunity नहीं!”

NDA ने जमीन पर काम दिखाया, महागठबंधन बैठकों में उलझता रहा— और नतीजा साफ सामने है।

आज असली महामुकाबला… कौन जीतेगा—NDA या MGB?

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